इतना तो करो स्वामी सजा दो ये ज़िंदगानी तुम
कागज़ हूँ मैं कोरा सा लिखो मेरी भी कहानी तुम
इतना तो करो स्वामी ............
तेरे प्रेम में पागल होकर मेरा सी बन जाऊं
नरसी भगत सा तेरे नग में आठों पहर मैं गाऊं
दोहरा दो प्रभु फिर से दास्ताँ वो ही पुरानी तुम
इतना तो करो स्वामी ............
ये जीवन है सफर कर्म का कभी धुप कभी छाया
हर सुख दुःख में साथ रहो तुम बनके मेरा हमसाया
मुस्कान हो तुम लब की बनो आँखों का पानी तुम
इतना तो करो स्वामी ............
मेरा पता हो दर ये तुम्हारा और कहीं ना जाऊं
तेरा होके रह जाऊं मैं तेरा ही कहलाऊँ
तेरे नाम से जग जाने बनो सोनू की निशानी तुम
इतना तो करो स्वामी ............