काम, क्रोध, मद, लोभ और माया,
पहरे धार बिठाया इन सबसे जो बच कर आया उसने श्याम को पाया,
बोलो है ना बोलो है ना,
काम, क्रोध, मद, लोभ और माया.....
इन पांचो के पीछे देखो भाग रहा जग सारा,
छोड़ दे चिंता इन पांचो की बन जा श्याम का प्यारा,
जिस ने इन पांचो को छोड़ा उसका साथ निभाया,
बोलो है ना बोलो है ना,
काम, क्रोध, मद, लोभ और माया.....
माया नगरी ये दुनिया है,
थोड़ा दूर भगाओ,
नरसी मीरा कर्मा जैसे मन में भाव जगो,
जिनके मन में भाव है ऐसे उनके घर में आया,
बोलो है ना बोलो है ना,
काम, क्रोध, मद, लोभ और माया.....
मांग ना हो तो श्याम प्रभु से ऐसी शक्ति मानगो,
हारे हुए के साथी बने हम ऐसी भगति मानगो,
श्याम कहे जिस जिस ने किया उस में श्याम समाया,
बोलो है ना बोलो है ना,
काम, क्रोध, मद, लोभ और माया....