करता रहूँ गुणगान मुझे दो ऐसा वरदान
तेरा नाम ही लेते लेते मेरे तन से निकले प्राण
तेरी दया से मेरे भगवन मैंने ये नर तन पाया
तेरी सेवा में बाधाएँ डाले जगत की मोह माया
फिर भी ये अरज करता हूँ-२ हो सके तो देना ध्यान
राधा मीरा नरसी जैसी दुख सहने की शक्ति दो
विचलित न हो जाऊँ पथ में मुझको ऐसी भक्ति दो
तेरी सेवा में जो निसदिन-२ मेरे जीवन की हर शाम
न जाने कब कौन घड़ी में तेरा बुलावा आ जाए
मेरे मन की हर एक इच्छा मन ही मन में न रह जाए
मेरी इच्छा पूरी करना-२ मेरे प्रियतम कृपानिधान
करता रहूँ गुणगान मुझे दो ऐसा वरदान
तेरा नाम ही लेते लेते मेरे तन से निकले प्राण