मेरे सिर पर रखदो ठाकुर अपने ये दोनु हाथ,
दैना है तो दीजिये जन्म जन्म का सा.....
झुलस रहै है घम की धूप मै प्यार की छैयां कर दैना,
बिन माझी के नाव चलै ना अब पतवार पकड लैना,
मैरा रस्ता रोसन करदो छाई अँधियारी रात,
दैना है तो दिजिए.....
सुना है हमनें शरणागत को अपने गलै लगाते हो,
ऐसा हमनें कया माँगा जो देने को कतराते हो,
चाहै जेसे रख बनवारी हौती रहै मुलाकात,
दैना है तो दिजिए.....
दैनै वाले शयाम पृभु तो धन और दोलत कया माँगे,
श्याम पृभु सै माँगे तो फिर नाम और ईज्जत कया माँगे,
मैरे जीवन मे अब करदै कृपा की बरसात,
दैना है तो दिजिए.....
श्याम तेरे चरणों की धूली धन दोलत से मँहगी है,
मैरे दिल की यहीं तमन्ना करु सेवा तेरी दिन रात,
दैना है तो दिजिए.....