माँगा है मैंने श्याम से, वरदान एक ही,
मांगा है मैंने श्याम से, वरदान एक ही,
तेरी कृपा बनी रहे, जब तक है ज़िन्दगी,
माँगा है मैंने श्याम से, वरदान एक ही।
जिस पर प्रभु का हाथ था, वो पार हो गया,
जो भी शरण में आ गया, उद्धार हो गया,
जिसका भरोसा श्याम पे, डूबा कभी नहीं,
माँगा है मैंने श्याम से, वरदान एक ही॥
कोई समझ सका नहीं, माया बड़ी अजीब,
जिसने प्रभु को पा लिया, है वो ख़ुशनसीब,
इनकी मर्जी के बिना,पत्ता हिले नहीं,
माँगा है मैंने श्याम से, वरदान एक ही॥
ऐसे दयालू श्याम से, रिश्ता बनाइये,
मिलता रहेगा आपको, जो कुछ भी चाहिए,
ऐसा करिश्मा होगा जो, पहले हुआ नहीं,
माँगा है मैंने श्याम से, वरदान एक ही॥
कहते हैं लोग जिंदगी, किस्मत की बात है,
क़िस्मत बनाना भी मगर, इनके ही हाथ है,
बनवारी कर यक़ीन अब, ज्यादा समय नहीं,
माँगा है मैंने श्याम से, वरदान एक ही,
तेरी कृपा बनी रहे, जब तक है ज़िन्दगी,
माँगा है मैंने श्याम से, वरदान एक ही......