रामाधनि दातार महारा रुणिचे रा श्याम बाबा
हो नीले असवार रामदेव आ वेला जी आ वेला,
मीठा मीठा भजन सुना कर थाणे आज रिजावा जी,
वीणा तंदूरा झलर मंजीरा झील मिल आज वजावा जी,
अंतर की वोछार उड़ रही अमृत की धार बरसी,
आंगनिये फुहार रामादेव फिर आवेला आ वेला,
रामाधनि दातार महारा रुणिचे रा श्याम बाबा
कई दिना सु उडीकाया फाग वाली रुत आई जी,
मीठी मीठी हवा पुरवाई यो संदेशो लाई जी,
भाग वाला दिन चार भगता हो जावो तयार आयो
बाबा रो त्यौहार रामादेव फिर आवेला आ वेला,
रामाधनि दातार महारा रुणिचे रा श्याम बाबा
चुन चुन कलियाँ भागा से मैं सुंदर हार बनाया जी,
जूही चम्पा और चमेली से दरबार सजाया जी,
खूब सजो दरबार सेवक मिल के बारंम बार थारी,
मिल के लू नजर उतार रामादेव फिर आवेला आ वेला,
रामाधनि दातार महारा रुणिचे रा श्याम बाबा
घना चाव सु ये महारा छपन भोग बनाया सी,
जो थारे मन में भावे रश रश भोग लगावो जी,
गनी करा मन वार जिमो जिमो मा आप खा रा,
भक्त खड़ा दरबार रामादेव फिर आवेला आ वेला,
रामाधनि दातार महारा रुणिचे रा श्याम बाबा