रुलदा रहे जी जेहड़ा भुल्दा रहे,
भुल्दा रहे जी ओह रुलदा रहे,
रुलदा रहे जी जेहड़ा भुल्दा रहे,
झंडा बाबे दे द्वारे उते झुल्दा रहे झंडा बाबे दे,
झंडा बाबा जी दी गुफा दी है शान जी,
देख झंडे छु के आउने आस्मां जी,
बाबा साड़ी भी तू सुन ले पुकार जी,
मैं भी झंडा लेके आया दरबार जी,
इथे पार हुंदा बेडा सारे भुलदा रहे,
झंडा बाबे दे द्वारे उते झुल्दा रहे झंडा बाबे दे,
एह जो दोने आ झंडे रंग रंग दे,
एह मोह माया झूठ ते पाखंड दे,
नाम क्रोध मोह लोभ ते हंकार दे,
सदा झुल्दे न रहन संसार ते,
तेरे झंडे आगे कोडी दे मूल दा न रहे,
झंडा बाबे दे द्वारे उते झुल्दा रहे झंडा बाबे दे,
झंडा सेवक जो गुफा ते ले आये जी,
सोहनी बाबा जी शान नु वदाये जी,
गल सच है स्यानेया दी सोगना,
दिन दुगना ते रात ओहदा चोगना,
ओहदी मेहर नाल वाक् डाट फुलदा रहे,
झंडा बाबे दे द्वारे उते झुल्दा रहे झंडा बाबे दे,
राम मौजी पुर वाले करे ध्यान भी,
जेह्दी वालिये ने किती है व्यान भी,
जेह्दा मंगे वर बाबा जी तो पाके जी,
जेह्दे पुज्दे है झंडे दर आके जी ,
ओ कखा वांगु कदे भी न रुल्दा रहे जी,
झंडा बाबे दे .......