पलकां ने खोलो न बाबा दर्शन करने आऊं मैं
दर्शन करने आऊं मैं दर्शन करना चाहू मैं
पलकां ने खोलो न बाबा दर्शन करने आऊं मैं
तेरी सुरत ओ सांवरियां मेरे मन में बस गई से,
देखन ने शिंगार ओ बाबा म्हारो मनडो तरसे से
मोटे मोटे नैन श्याम के म्हारो काजला धडके है
पलकां ने खोलो न बाबा दर्शन करने आऊं मैं
मेरे मन में आवे बाबा पंशी बन उड़ जाऊ मैं
खाटू नगरी पोंछ के बाबा थारा दर्शन पाऊ मैं
दिल को हाल सुनाऊ बाबा थारो भी सुन आऊ मैं
पलकां ने खोलो न बाबा दर्शन करने आऊं मैं
मोर छड़ी को झाडो ल्या दे तेरो को क्या घट जावे जी
हाथ उठा के सिर पे रख दे थारो क्या लग जावे जी
तू न सुने तो ओ सांवरियां ओर कठे मैं जावा जी
पलकां ने खोलो न बाबा दर्शन करने आऊं मैं
दास सुनीता शीश निभाबे थारा भजन सुनावे जी
भूल चुक की माफ़ी माँगा दर्शन करना चाहवा जी
एक बार बाबा दर्शन दे दो भव से मैं तर जाऊ जी
पलकां ने खोलो न बाबा दर्शन करने आऊं मैं