दुनिया ने तेरी माया नहीं पहचानी रे,
तूने माया अजब बनाई जिसे देख सब हर्षाये....
चंदा सूरज तारे तूने बिन बांधे ही लटकाए,
कभी धूप और कभी है सर्दी,
कभी डालता पानी रे,
दुनिया ने तेरी माया नहीं पहचानी रे.....
कुंभकरण रावण से योद्धा क्षण में तूने मार दिए,
भक्त विभीषण जैसे तूने गद्दी पर बैठार दिए,
सिया चुराई रावण ने जब लंक चढ़ी थी हानि रे,
दुनिया ने तेरी माया नहीं पहचाने रे......
मान पात सोरन सौगात ना साथ चले गए ये तेरे,
ये भक्त कहें जो दुख सहे जो रहे पाप में चौबे रे,
समय पड़ा कुछ भक्ति कर ले,
थोड़ी सी जिंदगानी रे,
दुनिया ने तेरी माया नहीं पहचानी रे......