फागण की आई बहार खाटू धूम मची,
उड़े उड़े रे गुलाल नीला पीला हरा लाल,
पड़े रंगो की फुहार,खाटू में धूम मची
लहरें बाबा का निशान धरती ऊचे आसमान,
गूंजे बाबा की जय कार खाटू में धूम मची,
आई प्रेमियों की टोली खेलन बाबा संग में होली,
बैठा सांवरियां त्यार खाटू में धूम मची
कुंदन फागण रुत जो आई मस्ती एक अज़ब सी छाई,
आया सांवरियां त्यौहार खाटू धूम मची