रेहम नजर कर दे झोलियाँ मंगतो की भर दे,
ओ रखवाले शिरडी वाले किरपा दृस्टि कर दे,
रेहम नजर कर दे झोलियाँ मंगतो की भर दे,
कह रही है जो दीवारे उनके साये,
कण तलक महफूज कोई दिल गबराये,
मैं अँधेरा दे सवेरा रोशनी कर दे,
रेहम नजर कर दे झोलियाँ मंगतो की भर दे,
आये है बड़ी दूर से हम हारे हारे,
रेहम का तेरी मिले हो वारे न्यारे,
दुःख सितम की मेरे गम की कुछ कमी कर दे,
रेहम नजर कर दे झोलियाँ मंगतो की भर दे,
तेरी ये दुनिया निराली,
रीत अनूठे कर भला तो हो भला अब लगदे झूठे,
आदमी में आदमी के गुण जरा भर दे,
रेहम नजर कर दे झोलियाँ मंगतो की भर दे,