साईं ओम x3 ,,,साईं ओम ,,,,साईं ओम....
आरती लेकर तिलक लगाओ, मेरे साईं को माला पहनाओ
दूर से देखा तो पत्थर पड़ा था, वहां पे मेरा साईं खड़ा था
शिर्डी के साईं नाथ,सदा जिन्दा रूप दिखलाती है
साईं ओम x3 ,,,साईं ओम ,,,,साईं ओम....
अंधों को तूने आँखे दिलाई,आसुं के पानी से ज्योत जलाई
तू ही हमारे देवों का देव है हम भक्तों के माता पिता है
शिर्डी के साईं नाथ,सदा जिन्दा रूप दिखलाती है
साईं ओम x3 ,,,साईं ओम ,,,,साईं ओम....
सोना न मांगू चांदी न मांगू ,हीरे न मांगू मोती न मांगू
तेरा सहारा ओ मेरे साईं, श्रद्धा सबूरी सब को है भाई
शिर्डी के साईं नाथ,सदा जिन्दा रूप दिखलाती है
साईं ओम x3 ,,,साईं ओम ,,,,साईं ओम....
कड़वा जो नीम था मीठा बनाया पटका जो चिमटा अग्नि जलाया
साईं की लीला सब से है न्यारी हम भक्तों को लगती है पारी
शिर्डी के साईं नाथ,सदा जिन्दा रूप दिखलाती है
साईं ओम x3 ,,,साईं ओम ,,,,साईं ओम....
है कितना सुन्दर दरबार तेरा,लगता है हर दिन भक्तों का डेरा
श्रद्धा से जो भी इस दर पे आए ओ अपनी झोली भर भर के जाए
शिर्डी के साईं नाथ,सदा जिन्दा रूप दिखलाती है
साईं ओम x3 ,,,साईं ओम ,,,,साईं ओम....
सद्गुरु साईं नाथ की ,,,जय