महासर मईया आज है बैठी खोल ख़ज़ाने प्यार के,
भरलो अपनी खाली झोली मैया के दरबार से,
महासर मैया सब भक्तो पर अपना प्यार लुटाती है,
हर दुखियाँ का संकट मइयाँ पल में दूर भगाती है,
जो भी श्रद्धा से मैया का जपता है नित नाम रे,
भरलो अपनी खाली झोली मैया के दरबार से,
नाम है सच्चा महासर माँ का खोले किस्मत के ताले,
इस के दर पर क्यों रोता है बोल दे दल की सब बाते,
तेरा चेहरा खिल जायेगा लेते माँ का नाम रे,
भरलो अपनी खाली झोली मैया के दरबार से,
तेरे नाम के हम है दीवाने तेरे नाम से जीते है,
तेरे नाम का मस्ती प्याला भर भर कर हम पीते है,
रही भी है तेरा दीवाना हर दम लेता नाम रे,
भरलो अपनी खाली झोली मैया के दरबार से,