स्थाई
रूप धरे विकराल मैया रूप धरे विकराल
जिनके आगे दानव भागे आ जाए भूचाल
रूप धरे विकराल ओ मैया रूप बड़ा विकराल
अंतरा पहला
खड़ग त्रिशूल को लेकर , मन में क्रोध भयंकर
समर मे ऐसी गरजे , दानव कापे थर थर -2
पाप मिटाए जगत बचाए, दुनिया हुई खुशहाल
रूप धरे विकराल ओ मैया रूप बड़ा विकराल
अंतरा दूसरा
रूप भयानक काला , पहने मुंड की माला
छोड़े मैया ज्वाला , पिये लहू का प्याला -2
शक्तिशाली ममता वाली , संकट देती टाल
रूप धरे विकराल ओ मैया रूप बड़ा विकराल
अंतरा तीसरा
दानव दल को मिटाने , चली है मैया ठाने
लगी कटार चलाने , दुष्ट लगे घबराने -2
करो निरंजन माँ का वंदन , मैया बड़ी दयाल
रूप धरे विकराल ओ मैया रूप बड़ा विकराल
Lyrics - Niranjan sen ji