शिर्डी के गाव में नीमवा की छाओ में बेठा है वो बाबा कौन,
वही तो सीता का राम है वही तो राधा का श्याम है,
शिर्डी के गाव में.......
कोई राम कहे कोई आल्हा कोई काली कमली वाला,
मजिद में राम है वसता मंदिर में अल्ल्हा काला,
राम वो रहीम वो दीनो का नाथ है,
शिर्डी के गाव में ...........
जिस ने जिस रूप में पूजा उसको है दरश दिखाया,
सब का है एक ही मालिक मेरे साईं ने बतलाया,
जान लो पहचान लो सब उसका ही नूर है,
शिर्डी के गाव में ....
शिर्डी के हर कण कं में वस्ता है शिरडी वाला,
अपने भगतो का साईं पग पग वो रखवाला,
अमीर वो फ़कीर वो पीरो का पीर है,
शिर्डी के गाव में