माये नि मेहरा वालिये मैं केहनी आ,
कर मेहरा दी छाह मैं छावे बेहनी आ,
माये नि मेहरा वालिये फूल कलियाँ दे,
घडी सुलखनी आई जो संगता मिलियाँ ने,
माये नि शेरावालिये फूल बूटे दा,
रोटी रोटी रोटी रोटी,
कर ले चढ़ाइया भगता हाथ फड़ के सिदक वाली सोटी,
माये नि मेहरा वालिये फूल बूटे दा,
जिस विच वसदी है तू ओ दिल टूटे न,
माये नि शेरावालिये क्या बाते ने,
जो भी साढ़े कॉल तेरियां दाता ने ,
माये नि मेहरा वालिये दो लालरियाँ,
तेरे जागे दे विच ाइयाँ करमा वाल्दिया,
माये नि मेहरा वालिये फूल कीकरा दे,
पखिया पखियाँ मैया तेरे भगता ने आज आसा तेरे ते रखियां,
माये नि मेहरा वालिये फूल कीकरा दे,
आज वादा कर के जाइ कदे न विशडा गे,