काहारो डोली ना चाऐयो, हजे मेरा बाबुल आया नहीं,
जेड़ा औने सुट भेजेया सी हजे तक मैं हंडाया नहीं,
विर सत हुँदे घरो कडदा ना,
धी ईक वी घार ना समा सकी,
वे जेड़ी घरो तुरन वेले गई रोंदी,
ओनु माँ ना चुप करा सकी,
वे मैनु कुड़े दे वांग बाबला वे क्यों बाहर सुटेया ई,
तु मैनु दस बाबला वे मैं तेरा की गवाया ई,
सांभ लै नी माँ मेरे गुड़िया पटोले, धी अज हो चली अखियाँ तो ओले,
के विरा दुर खड़ा रोवे किसे ने चुप कराया नहीं,
काहारो डोली ना चाऐयो....
परदेस च बैठिये अमिये नी तेरा बछड़ा याद करे,
रो रो फरियाद करे,
नि तैनु सुती नु झड आया सां, मैनु ऐथे निंद ना औंदी,
जी करदा ऐ उड के आ जावा पर पेश कोई ना जांदीए॥
ऐथे रहन नु थां ना मिलदी ऐ, ममता दी छां नहीं मिलदिऐ,
वैसे ता सब कुछ मिल जांदा ऐ पर ऐथे माँ नहीं मिलदिऐ॥
आजा वे आजा परदेसिया,
नि मेरी अख दा तारा नि मेरे दिल दा सहारा,
नि मेरा लाल प्यारा,
आजा वे आजा परदेसिया.....