तेरे चरण कमल में श्याम लिपट जाऊं रज बनके,
लिपट जाऊं रज बनके लिपट जाऊं रज बनके।।
नित नित तेरा दर्शन पाऊं ,
हरसि हरसि के हरि गुण गाऊं...-2
मेरे नस नस बस जाओ श्याम, लिपट जाऊं रज बनके,
तेरे चरण कमल में श्याम लिपट जाऊं रज बनके....
छिन छिन तेरा सुमिरन होवे,
सब कुछ तुझपे अर्पण होवे...-2
सब दिन आठों याम, लिपट जाऊं रज बनके,
तेरे चरण कमल में श्याम लिपट जाऊं रज बनके....
श्याम सुन्दर से लगन है लागी,
प्रीति पुरानी मन में जागी....-2
अब आ गया तेरे धाम, लिपट जाऊं रज बनके,
तेरे चरण कमल में श्याम लिपट जाऊं रज बनके....