माहरी नाइयाँ खेवट बाबो श्याम ख्वाइयो बाबा श्याम,
भर पार उतर श्याम भल भर में,
माहरी नाइयाँ खेवट बाबो श्याम ख्वाइयो बाबा श्याम,
भर पार उतर श्याम भल भर में,
एक आसरो श्याम को लीनो और न कोई चाहे,
भव सागर को शयाम खिवाइयो खुद ही पार लगाओ,
इब तो छोडया हां दारम दार भव पार उतर छा पल भर में,
माहरी नाइयाँ खेवट बाबो श्याम ख्वाइयो बाबा श्याम,
भर पार उतर श्याम भल भर में,
चाहे आंधी तूफ़ान आये माहने डर न लागे,
कोई चिंता फ़िक्र नहीं जब सवारियों है सागे,
मैं तो सोवा है अब तो खुटी टान भव पार उतर छा पल भर में,
माहरी नाइयाँ खेवट बाबो श्याम ख्वाइयो बाबा श्याम,
भर पार उतर श्याम भल भर में,
छोड़ आसरो दुनिया को मैं श्याम शरण में आया,
दुनिया दारी छोड़ श्याम को नाम है जग में गया,
माहरा पुरण हुआ री सारा काम भव पार उतर छा पल भर में,
माहरी नाइयाँ खेवट बाबो श्याम ख्वाइयो बाबा श्याम,
भर पार उतर श्याम भल भर में,