चेत दा महीना आ गया संग चल पये ने बाबा जी दे दर ते,
शाहतलियाँ जाके आपा मथा है जी टेकना अजब नजारा है,
गरुणाझाडी वेखना जी चरण गंगा ते पौंछ के,
करना है इशनान धार धार के,
चेत दा महीना आ गया संग चल पये ने बाबा जी दे दर ते,
ड्योट सिद्ध पौंछ असि गुफा वाल जाना है,
चरना च बह के रुसे जोगी नु मनाउना है,
जी खाली झोली लैके चले हां आउना बाबा जी तो झोलियाँ भर के,
चेत दा महीना आ गया संग चल पये ने बाबा जी दे दर ते,
वे छेती गद्दी तोर भगता मथा टेकना बाबा जी दे दर ते,
सूंदर गुफा दे जिह्ना कर ले दीदार ने भव सागरा चो हुन्दे वेहड़े सदा पार ने,
पौणाहारी दुधा धारी दे असि आउना है दीदार आज करके,
चेत दा महीना आ गया संग चल पये ने बाबा जी दे दर ते,
बाबा जी नु माथा टेक शिववाड़ी जावा गे,
गुरुदास बाबा जी नु ओथे भी घुमावागे,
जी मेरा करू भोले नाथ जी नरिंदर जाऊ चढ़ाइयाँ कर के,
चेत दा महीना आ गया संग चल पये ने बाबा जी दे दर ते,