साई से मांगो साई रे साई से मांगो साई रे,
वो ही तो है जिसने सब की सब गुथियाँ सुलझाई रे,
साई से मांगो साई रे साई से मांगो साई रे,
कहा कहा सुख ढूंढा तुमने किस किस घूम चुके हो,
जब से इस संगत में आये बेफिकरी में झूम चुके हो,
अब तो थाम लो ये दरवाजा बहुत ठोकरे खाई रे,
साई से मांगो साई रे साई से मांगो साई रे,
किसकी है गमखारी दुनिया इसने किसका साथ दिया है,
जब साई को याद करोगे साई ने अपना हाथ दिया है,
साई तो है इक अटल हकीकत दुनिया इक परछाई रे,
साई से मांगो साई रे साई से मांगो साई रे,
अंधियारे मिट ते जाते है रोशनी हर सु फेलरही है,
हर जीवन के हर सपने में साई खुशबू फैल रही है,
समज भी लो ये महकती कलियाँ किस गुलशन से आई रे,
साई से मांगो साई रे साई से मांगो साई रे,