दुनिया के सब रंग दिल से भुला

हारा वालिया ,मेहरा वालिया ,मेरे प्यारिया,रंग अपना चढ़ा
दुनिया के सब रंग दिल से भुला, आपने ही प्यार वाला रँग चढ़ा
हारा वालिया.....

इस जग के सब रंग कच्चे है,तेरे प्यार के रंग पक्के है
जो तुमको भाये, वो मुझको भाये,
मेरी मर्जी को छोड,मर्जी अपनी चला
हारा वालिया.....

एक बार मे बात बन जाएगी,तेरी नजर जब हो जाएगी,
आज रहमत लुटा मेरा मन हर्षा, हम तुमको है मिलने आये जहां,
हारा वालिया...

हरि महफिल से ,चुपके से आ जाना ,सुपने प्यार वाला रंग चढ़ा जाना
तूँ जाएगा कहा अज बच के जहां, दिवानों के घेरे में श्याम आ गया
हारा वालिया..

आज मस्ती है सब पर छाई हुई।अज मेरी नी वारी आई हुई
ना देर लगा, हरि महफिल ऐ आ
अपने प्यार का रंग हम सब पे चढ़ा
हारा वालिया ....
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