होती है मुझपे साई की रहमत कभी कभी

होती है मुझपे साई की रहमत कभी कभी,
ज्योति में देख लेता हु सूरत कभी कभी,
होती है मुझपे साई की रहमत कभी कभी

भगतो के आस पास ही साई रहा करो,
पड़ती है मुश्किलों में जरूरत कभी कभी,
ज्योति में देख लेता हु सूरत कभी कभी,

शक्ति है साई नाम में भगति में चैन है,
सुमिरन से टल गई है मुसीबत बड़ी बड़ी,
ज्योति में देख लेता हु सूरत कभी कभी,

आता है तू साई कश्ती सम्बाल्ने,
तूफ़ान में टूट जाती है हिमत कभी कभी,
ज्योति में देख लेता हु सूरत कभी कभी,

माना के ज़िंदगी में हुये है पाप हज़ार,
होती है ज़िंदगी में गलतियां कभी कभी,
ज्योति में देख लेता हु सूरत कभी कभी,

जो साथ ना हो तेरा तो जी के कया करे.
आती है याद तेरी अंधेरो में कभी कभी,
ज्योति में देख लेता हु सूरत कभी कभी,
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