बारह साल कराली मेतो नौकरी पूत पूत आखदी रही,
माँ बन के भी आज हो गई ओपरी पूत पूत आखदी रही
रोटी ते मैनु रख के नौकरी बारहा साली मारी ठोकर,
कदे किती न गल कोई प्यार दी पूत पूत आखदी रही
पाली बन के चारियां गाइयाँ,
माँ हो इसने तोहमता लाइया,
रीत उलटी ही देखि संसार दी पूत पूत आखदी रही,
माँ बन के भी आज हो गई ओपरी पूत पूत आखदी रही
कदे भी बह के हाल न पूछियां जो तू कमाया क्यों तू बचैया,
पाली बन के नित रही ताड़ दी,पूत पूत आखदी रही,
माँ बन के भी आज हो गई ओपरी पूत पूत आखदी रही
याद रखी लाल योगी दा कहना,
मोह दे बंधन मावा बेहना,
झूठे लारिया ते नित रही पाल दी,
पूत पूत आखदी रही,
माँ बन के भी आज हो गई ओपरी पूत पूत आखदी रही