जोगी बन के लूट लई माँ के उतो कहंदा गल न करि,
की दसा मैं तनु अडिये इस जोगी दे कारे
मावा कह के लूट लिया मैनु आके मेरे द्वारे,
कोई दस्य न अपना था ते उतो कहंदा गल न करि,
भर भर होक कत्तदी वेला रो रो रेन गुजरा,
नाम दीवानी हो गई चली ठाठ ठाठ आवाजा मारा,
कोई दसया न अपना था ते उतो कहंदा गल न करि,
जोगी बन के लूट जाऊ मैनु मैनु भरम न कोई ,
कड कलेजा पा लिया रती शर्म न होइ,
धक्का दे गया फड़ के ब्याह ते उतो कहंदा गल न करि,
काया माया आणि जानी दुनिया भरम भुलेखा,
कर्म दे खेल ने सब सारे लेना देना लेखा,
ेथे कोई किसे दा न ते उतो कहंदा गल न करि,