कान्हा के चरण दऊ दोई चरणमत पीयू गी,
मन में वसे मेरे मदन मुरारी,
सावरी सूरत प्यारी प्यारी,
आजा प्यारे भुला रही तोहे चरणमत पीयू गी,
कान्हा के चरण दाऊ दोई.......
जब से मिली है श्याम से नैना,
इक घडी मोहे चैन पड़े न,
जाने काहे गोब न मोहि चरणमत पीयू गी,
कान्हा के चरण दाऊ दोई...........
धोये चरण पी यु गी पानी श्याम नाम की मैं हु दीवानी,
और कशू न चाहे मोहि चरणमत पीयू गी,
कान्हा के चरण दाऊ दोई