मेरो मन लग्यो मुरलिया वारे ते,अब घर कैसे जाऊं।
घर जाऊं तो मेरी सास लडे़गी,सास लडे़गी मोपे जुलम करेगी,
कहदेगी ससुर हमारे से,अब घर कैसे जाऊं,
घर जाऊं तो मेरी ननद लडे़गी,ननद लडे़गी मोते रार करेगी,
कह देगी ननदेउ हमारे से,अब घर कैसे जाऊं,
घर जाऊं तो मेरी जिठानी लडे़गी,घर घर में बदनाम करेगी,
कह देगी जेठ हमारे से,अब घर कैसे जाऊं,
घर जाऊं तो मेरी दोरानी लड़ेंगी,दोरानी लड़ेंगी मोसे दोरानी लड़ेंगी,
कह देगी देवर हमारे से,अब घर कैसे जाऊं,
लेखक व गायक - टीकम जलन्द्रा उदयपुरा
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