सुनले ने कावड़िया की पुकार भोले नाथ जी

जल चढ़ावा तेरी कावड़ भी लें आवा,
सच्चे दिल से तने मनावा,
आये सा तेरे दरबार भोले नाथ जी,
सुनले ने कावड़िया की पुकार भोले नाथ जी,

खेलते गरब में बेटी ने मरावे मात पिता ने कोई बाहर बगावे,
घने बढ़ रहे से अत्याचार भोले नाथ जी,
सुनले ने कावड़िया की पुकार भोले नाथ जी,

भोले नाथ तू ते अन्तर यामी तेरे से बता के सा शानी,
तेरे कदमो में संसार भोले नाथ जी,
सुनले ने कावड़िया की पुकार भोले नाथ जी,

दीप भगत कहे घाटे आला भगता का से तू है रखाला,
राजेंदिर सीसाइये का प्रचार भोले नाथ जी
सुनले ने कावड़िया की पुकार भोले नाथ जी,
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