चलो न सँवारे के दर वही दिन बीत जाएंगे,
सुना है भजनो से रिजे नये हम गीत गायेगे,
चलो न सँवारे के दर वही दिन बीत जाएंगे,
सुना है हार कर जो भी शरण में इनके आता है,
के देखे ना कभी फिर हार सहारा जब वो पाता है,
अभी तक हार ते आये के हम भी जीत जायेगे,
चलो न सँवारे के दर वही दिन बीत जाएंगे,
गुन्हा जो करते है पापी सुना वो दीद यहाँ करते,
है मिलती माँ भी उनको भी गले से वो भी है लगते,
गुन्हा होंगे हमारे माफ़ हमे भी मीत बनायेगे,
चलो न सँवारे के दर वही दिन बीत जाएंगे,
सुना है प्रेम का प्रेमी इसे बस प्रेम आता है
तभी तो दानी है ये श्याम के करुणा ही बहाता है,
कहे निर्मल के श्याम के दर से हम भी प्रीत पाएंगे,
चलो न सँवारे के दर वही दिन बीत जाएंगे,