जो बेटे करते हैं माँ बाप का अपमान,
उन बेटो पर कभी नहीं खुश होते है भगवान्,
उनके कर्मो का फल देती उनकी संतान,
उनको कभी नहीं मिलता है जीवन में सन्मान,
मात पिता पे जो हाथ उठा ता मेरा साई उनके सिर से हाथ उठा ता,
हाथ न उसका थामे जग में कोई इंसान,
उन बेटो पर कभी नहीं खुश होते है भगवान्,
मात पिता को जो आँखे दिखाता दया दृष्टि साई की वो कभी नहीं पाता,
दुनिया की नजरो से गिर जाता वो इंसान,
उन बेटो पर कभी नहीं खुश होते है भगवान्,
मात पिता को जो तिरष्कार करता उन्हें खुद के बेटो से फिर पुरष्कार मिलता,
गिरवी रख वो जीते अपना आतम सन्मान,
उन बेटो पर कभी नहीं खुश होते है भगवान्,
माता पिता का जो दिल है दुखता किसी के दिल वो जगह न बनाता,
पुरे कभी न होते उसके दिल के वो अरमान,
उन बेटो पर कभी नहीं खुश होते है भगवान्,