श्याम धनि का फागण मेला आ गया,
सोणा सोणा श्याम सलोना,
फागण का रंग भक्तों पर है छा गया,
सोणा सोणा श्याम सलोना ।
कितना सोणा कितना प्यारा लग रहा है मेरा बाबा,
ऊपर से ये फागण मेला सोने पे सुहागा,
खाटूवाला सेठ हमको भा गया,
सोणा सोणा श्याम सलोना ।
मन में उठे हिलोर जैसे लहराए निशान,
हमने तो लिख डाला दिल पे जय जय बाबा श्याम,
मुरली की कोई तान हमे सुना गया,
सोणा सोणा श्याम सलोना ।
सर पे चढ़ के बोले मेरे श्याम नाम का जादू,
नजर जिधर भी फेरूं,मुझको दिखता है बस खाटू,
दीवाना मुझको अपना बना गया,
सोणा सोणा श्याम सलोना ।
ऐसा लगता सपने से कोई आया हमे जगाने,
आँख खुली तो बज रहे थे 'सौरभ मधुकर' के गाने,
दरवाजा लीला घोड़ा खुड़का गया,
सोणा सोणा श्याम सलोना ।
भजन गायक - सौरभ मधुकर
रचयिता - सौरभ मधुकर