गोपाला गोपला तू गुरु मेरा मैं चेला रे,
आस की तुझसे हो गी मेरी दो दिल का अलबेला रे
गोपाला गोपला तू गुरु मेरा मैं चेला रे,
समय का सरोवर तू हर दर्द की दवा है,
तू ही धुप ठंडी छाव शीतल हवा है,
हर सुख का दुःख का करता तू ही तो खेला रे,
आस की तुझसे हो गई मेरी दो दिल ला अलबेला रे
गोपाला गोपला तू गुरु मेरा मैं चेला रे,
तुही कोरे कागज़ कलम सिलाई
तू ही लिखता वाह वाह त्भाई,
ना समज में आवे को तेरा तेला बेला रे,
आस की तुझसे हो गई मेरी दो दिल ला अलबेला रे
गोपाला गोपला तू गुरु मेरा मैं चेला रे,