साईं तेरे दर आ बेठे है अब तो दर्श दिखाओ,
दर्शन की प्यासी तरसे है अखियाँ इनकी प्यास भुजाओं,
अब तो दर्श दिखाओ
सिर पर मेरे हाथ हो तेरा तेरा प्यार तुम्ही से है लेना,
दुखड़ा अपना तुम को सुनाऊ,तब आये मुझे चैना,
मेरी सुनी अखियाँ बरस रही है इन को न यु तरसाओ,
अब तो दर्श दिखाओ
दिख जाये जो सूरत प्यारी मन ये मेरा खिल जाये,
पतझड़ से सुने जीवन में जश्नन बहारा आये,
अधियारे मेरे मन मंदिर में ज्ञान का दीप जलाओ,
अब तो दर्श दिखाओ,
साईं चरण में मेरे तीर्थ पार इन्ही से पाऊ,
ठुकराया रश्मी को तूने दर पे तेरा मर जाऊ,
दीवानी बन कर भटक रही हु साईं आकर धीर बंधाओ,
अब तो दर्श दिखाओ,