भगतो का बेडा पार किया पार किया है,
ममता लुटाने वाली ने,
भगतो का बेडा पार किया पार किया है,
सीढिया जो भी चढ़ के आता है,
अपना दुखड़ा उसे सुनाता है,
सब की सुनती है शरदे मैया,
दुःख हरती है शारदे मियां,
चौखठ पे भुलाने वाली ने,
भगतो का बेडा पार किया पार किया है,
गीत हम भी उसी के गाते है,
नाम का हम उसीके खाते है,
सारे दुनिया में नाम है जिसका झोलियाँ भरना काम है जिसका,
बिगड़ी बनाने वाली ने,
भगतो का बेडा पार किया पार किया है,
लाखो निर्धन हुए है धन वाले ,
कितने अंधे हुए नैयन वाले,
दर से संतान पा गए कितने,
रोगो से मुक्ति पा गए कितने,
उजड़े घर वसाने वाली ने,
भगतो का बेडा पार किया पार किया है,
अपने मंदिर की चाकरी देदे,
शालनी को भी नौकरी दे दे,
काम सारे अजीब बनते है,
सब के बिगड़े नसीब बनते है,
ऊंचे सिंघासन वाली ने,
भगतो का बेडा पार किया पार किया है,