सारे जग से निराली है मैया
पार करती है भक्तों की नैय्या
मैया ममतामई ये है करुणामई
यशगान करे है पुरवैया
पार करती है भक्तों की नैय्या
नौ रूप धरे सबके संकट हरे
नवरात्रों में सजती नगरीय
पार करती है भक्तों की नैय्या
शारदे माँ तू ही कालका माँ तू ही
हर रूप में बनकर खिवैय्या
पार करती है भक्तों की नैय्या
जो भी ध्यावे उसे जो मनावे इसे
थाम लेती है उसकी ये बइयाँ
पार करती है भक्तों की नैय्या
राजा गाये यही गुनगुनाये यही
आपने आँचल की देकर के छइयां
पार करती है भक्तों की नैय्या
सारे जग से ..............