जय जय माँ, बोलो जय जय माँ ,
"नवदुर्गा की, महिमा गाऊँ"
"पार्वती के, रूप को धिआऊँ"
नाम पे जिनके, हैं नवराते,
उसी रूप को, मन में बसाऊँ,,,
जय जय माँ, बोलो जय जय माँ ,
''शैलपुत्री माँ, प्रथम कहाई''
''बाल रूप में, बैल पे आई''
ब्रह्मचारणी, दूसरी माता,
हाथ कमण्डल, जल का सुहाता,
जय जय माँ, बोलो जय जय माँ ,
"चन्द्रघण्टा, तीसरी माई"
"मस्तक चन्दा, देता दिखाई"
कूष्माण्डा, चौथी बलशाली,
फल उपजाकर, देने वाली,
जय जय माँ, बोलो जय जय माँ,
"स्कन्दमाता, पाँचवीं कहते"
"कार्तिके जी, गोद में रहते"
कात्यानी माँ, छ्ट्टी है दर्शन,
ऋषि कात्यान, कीन्हा पूजन,
जय जय माँ, बोलो जय जय माँ ,
"कालरात्रि माँ, सातवीं ध्याते"
"रूप देख, पापी घबराते"
माँ गौरी माँ, आठवीं दाता,
शँकर संग, रूप मन भाता,,
जय जय माँ, बोलो जय जय माँ ,
"सिद्धिदात्री, नवमीं हो माँ"
"रिद्धि सिद्धि, भक्ति दो माँ"
नवरूप जो, मन वसाए,
उसको कष्ट, कभी न आए,
जय जय माँ, बोलो जय जय माँ ,
अपलोडर-अनिलरामूर्तीभोपाल