माँ मेरे घर आई रे मैं तो माँ को मनाऊ,
माँ को मनाऊ मैं तो ज्योति जगाउ,
ज्योति जगाउ मैं तो सिर को जुकाउ,
झुमु नाचू गाउ रे बोलो सच्चे दरबार की,
माँ मेरे घर आई रे मैं तो माँ को मनाऊ
मैंने रखा माँ का नवराता,
हो रहा मेरे घर जगराता ,
भगतो के संग में खुशियां मनाता,
लाल चुनरियाँ माँ को ओढ़ाता,
माँ ने मेहर वरसाई रे बोलो शेरोवाली माँ की,
माँ मेरे घर आई रे मैं तो माँ को मनाऊ
सिंह चढ़ी आई माता रानी,
लागे माँ प्यारी आंबे भवानी,
माँ मेहरोवाली है आंबे रानी,
वेद पुराणों ने महिमा बखानी,
बजरंगी संग में लाइ रे,बोलो पहाड़ो वाली माता की,
माँ मेरे घर आई रे मैं तो माँ को मनाऊ
तिलक लगाउ मैं तो कंजके बिठाऊ,
संग लोकड़ा लंगूर जिमाऊ,
गंगा के जल से चरण दुलाऊ,
स्वागत में माँ के पलके विशाऊ,
माँ मेरी हरषाई रे,बोलो झंडेवाली माता की,
माँ मेरे घर आई रे मैं तो माँ को मनाऊ
आस रही न मेरी कोई अधूरी,
सारी मुरदे माँ ने कर दी है पूरी,
बांटू मैं घर घर हलवा पूरी,
माँ से रही न मेरी कोई भी दूर,
गिरी की चिंता मिटाई रे बोलो चिंतपूर्णी माँ की,
माँ मेरे घर आई रे मैं तो माँ को मनाऊ