मेरे बाबा मोहन राम, हम शरण तुम्हारी आये है
बाबा कलयुग के अवतारी है,
नीले की करे सवारी है ,
काली खोली सच्चा धाम,
जहाँ होते मन के चाहये है
बाबा सोये भाग जगा देना,
आके नईया पार लगा देना ,
तेरा रटते दिल से नाम, संग भेंट तुम्हारी लाये है
बाबा भक्तो के दुख दूर करो,
म्हारी खाली झोली आन भरो,
हे नटवर हे घनश्याम, ना भेद तुम्हारे पाये है,
तेरा भरे दौज मे मेला है,
तू नाथ बडा अलबेला है ,
रोहित का ढाना गाम, चरणो मे शीश झुकाये है,