कैसे बताओ मैं तुम्हे क्या ये श्याम करता है,
खाटू में बैठा मेरा संवारा सब का गुजारा करता है,
मौज वो करता है ठाठ वो करता है,
खाटू में बैठ वो खाली झोली बरता है,
खाटू के श्याम लेते जो नाम भजते उन्हें जो सुबह और शाम,
बस उनको उबारा करता है,
सब का गुजारा करता है,
जब जब पुकारा मैंने दौड़ा दौड़ा आया है,
जो कुछ आज मैं हु श्याम की ही माया है,
रहु मैं मगन लागी जो लगन करता हु सुबह श्याम मैं इसी का भजन,
यु ही झोली हर गरीब की भरता है,
सब का गुजारा करता है,
साथ जिसका श्याम है उसे हर आराम है,
यही मेरा कृष्ण कन्हियाँ यही मेरा राम है,
तोड़ ता न आस कर विश्वाश,
अविनाश के रहना मेरे सँवारे तू पास,
मुश्किल संवारा आसान करता है,
सब का गुजारा करता है,