ईब क्या को तोड़ो म्हारो गठ जोड़ो बाबा श्याम से,
मात पिता म्हारो हाथ पकड़ कर श्याम की लेर लगाया,
श्याम ही म्हारो जीवन साथी योही पाठ पढ़ाया जी,
ईब क्या को तोड़ो म्हारो गठ जोड़ो बाबा श्याम से,
जो साथी मिलो है माहने साथ कदे न छोड़े,
सागे सागे चाले माहरे चढ़ के नीले घोड़े जी,
ईब क्या को तोड़ो म्हारो गठ जोड़ो बाबा श्याम से,
यु म्हारी तिबियत की पूछे जो माँगा वो देवे,
देख उम्नो म्हाने जब भी झट म्हारी सुध लेवे जी,
ईब क्या को तोड़ो म्हारो गठ जोड़ो बाबा श्याम से,
बात करे है मीठी मीठी जद भी यो बतलावे,
म्हारे दिल पर राज करे यो दूजो नहीं सुहावे जी ,
ईब क्या को तोड़ो म्हारो गठ जोड़ो बाबा श्याम से,
बिनु के मन में है यही अहियाँ ही निभ जावे,
जन्म जन्म तक साथ आपनो कोई तोड़ न पावे जी,
ईब क्या को तोड़ो म्हारो गठ जोड़ो बाबा श्याम से,