सीधे साधे दो अक्षर भी क्या क्या खेल दिखते है
जब जब मुख से राधा निकले नज़र बिहारी आते है
सीधे साधे दो अक्षर भी क्या क्या खेल दिखते है
जब जब मुख से राधा निकले नज़र बिहारी आते है
गोविन्द बोलो बोलो गोपाल बोलो
राधा रमन हरी गोविन्द बोलो
राधा नाम है ऐसा जादू
जो पापी को करदे साधु
दुःख के शूल फूल बन जाये
जिनसे महके पल पल खुशबू
राधा नाम सुमिरन वाले मंज़िल अपनी पाते है
भटक जो जाये रहे कृष्णा राह दिखलाते है
गोविन्द बोलो बोलो गोपाल बोलो
राधा रमन हरी गोविन्द बोलो
राधा नाम की धार अजूबा
तू इस धार में जीवन नैया
राधा नाम की धार अजूबा
जो भी तेरा कभी ना डूबा
अभी समय है छोड़ दे भैया
तू इस धार में जीवन नैया
जो भी जान इस धार में तेरे
चिंता कभी ना घेरे है
कृष्णा कन्हैया उसकी
नैया भाव से पार लगते है
गोविन्द बोलो बोलो गोपाल बोलो
राधा नाम है ऐसा कुंदन
जो पत्थर को करदे चन्दन
राधा की जो कृपा होतो
आप ही टूटे जग के बंधन
राधा राधा जपने वाले दुःख से मुक्ति पाते है
राधा नाम खरा और सच्चा ज्ञानी जान बतलाते है
सीधे साधे दो अक्षर भी क्या क्या खेल दिखते है
जब जब मुख से राधा निकले नज़र बिहारी आते है
सीधे साधे दो अक्षर भी क्या क्या खेल दिखते है
जब जब मुख से राधा निकले नज़र बिहारी आते है