देवो में देव है निराला अपना है सेठ गणपति लाला

शिव शंकर सुख देव गणपति देवो में बलकारी,
सब से पहले तेरा सुमिरन करती दुनिया सारी,
देवो में देव है निराला अपना है सेठ गणपति लाला,

रनत भवन दरबार लगा बैठा है सरकार वहां,
सीधी विनायक सा जग में और कोई दातार कहा,
सारी दुनिया का रखवाला अपना है सेठ गणपति लाला,
देवो में देव है निराला अपना है सेठ गणपति लाला,

चार बजा धारी है मूसे की असवारी है,
लड्डूवन का तुझे भोग लगे भगतो का हितकारी है,
सारे विग्नो को इस ने ताला ,अपना है सेठ गणपति लाला,
देवो में देव है निराला अपना है सेठ गणपति लाला,

धुंद धुलाला सूंड सुंडाला मस्तक मोटा कान है,
देवो के सिर मोर गजानन ऊंची तेरी शान है,
सब की झोली में इस ने डाला,अपना है सेठ गणपति लाला,
देवो में देव है निराला अपना है सेठ गणपति लाला,
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