आये हैं तेरे द्वारे आंसुओ की लेके धारे,
गिरजा सुमन प्यारे चरण तुम्हारे।।
माथे पे रोरी चंदन स्वीकारो मेरा वन्दन,
जय हो तोरी गौरी नंदन करते तेरा अभिनंदन,
श्रद्धा सुमन मेरा चरण तुम्हारे....
मंदमति हु स्वामी तुम तो हो अंतरयामी,
जन्मो का मैं खलकामी तुम हो जगत के स्वामी,
भव भंजना काटो कष्ट हमारे.....
धन वैभव के तुम दाता तुम ही हो बुद्धि प्रदाता,
जन्मो का तुमसे दाता पुत्र पिता का नाता,
राजेन्द्र द्वारे तेरी बाट निहारे....