वो नज़र हमें मिल जाए तेरे दर्शन पा जाएँ
इन अधरों से सांवरिया तेरी महिमा गा जाएँ
वो नज़र ...........
घूमे फिरे खाटू नगरी में देखे अज़ब नज़ारे
केसरिया ध्वज ले काँधे पर मिलेंगे श्याम प्यारे
तन मन रंग श्याम के रंग में सुध बुध बिसरा जाएँ
वो नज़र ...........
पल्ला थामा श्याम धणी का मोह जगत के त्यागे
शरण मिली खाटू वाले के मन कुछ और ना मांगे
कान्हा का छोड़ द्वारा क्यों और कहीं जाएँ
वो नज़र ...........
सरल श्याम संग जोड़ा नाता सारे जगत को त्यागा
सर पे हाथ श्याम का जिसपे वो क्यों रहे अभागा
हम दीं हैं हम हारे हैं तेरे मन को भा जाएँ
वो नज़र ...........