हम तो आये शरण में तुम्हारी लाज हाथो में तेरे हमारी,
हम को तुमपे भरोसा अटल है तुम संभालोगे हम को मुरारी,
हम तो आये शरण में तुम्हारी...
हम को विश्वाश तुम पे है इतना गहरा होता समंदर जितना,
आसमान से उचा इरादा साथ तेरा हमारे वो वाधा,
हार पग पग पे तुमसे है हारी इस लिए जीत आगे हमारी,
हम को तुमपे भरोसा अटल है....
हम भगत तेरे तेरे डर क्या है हम को फिर डरती है विपदा ये किसको,
हम तो जैसे भी सेह लेंगे इसको ये सहेगी भला तुझको,
क्या बिगड़े गी विपदा वेचारी इ खड़ा सामने चक्रधारी,
हम को तुमपे भरोसा अटल है....
जब से सौंपी है नैया तुझको फिर तूफानों से डर क्या है हम को,
या किनारो को आना पड़े गा या फिर पहुंचाए मझधार इसको,
देख विस्मित हुए संग सारी बनना निर्मल का माझी बिहारी,
हम को तुमपे भरोसा अटल है....