अब सोंप दिया इस जीवन का अब बार तुम्हारे हाथो में

अब सोंप दिया इस जीवन का अब बार तुम्हारे हाथो में,
है जीत तुम्हारे हाथो में है और हार तुम्हरे हाथो में

जब जब संसार का बंदी बन दरबार में तेरे आउ रे,
हो मेरे कर्मो का निरने सरकार तुम्हारे हाथो में,
है जीत तुम्हारे हाथो में है और हार तुम्हरे हाथो में

मेरा निष्ये है बस इक यही इक बार तुम्हे पा जाऊ मैं.
अर्पण कर दू जग ती भर का अब प्यार तुम्हारे हाथो में,
है जीत तुम्हारे हाथो में है और हार तुम्हरे हाथो में

मुझपे तुजमे है भेद यही मैं नर हु तू नारायण है,
मैं हु संसार के हाथो में संसार तुम्हारे हाथो में,
है जीत तुम्हारे हाथो में है और हार तुम्हरे हाथो में
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