सुख हो दुःख हो जीवन में हो कैसे भी हालात
होती रहे यूँ ही बाबा ग्यारस पे अपनी मुलाकात
धन दौलत ये महल अटारी
मतलब की यहाँ रिश्तेदारी
रिश्ता ये अपना सबसे अलग है आ
ती या ग्यारस बाबा तेरी जब जब है
दौड़ा मैं भागा चला आऊं रोके ना रुके न जज़्बात
सुख हो दुःख हो जीवन में...............
कैसे कहूँ यहाँ आके मैंने क्या पाया
किया जो दीदार तेरा दिल भर आया
ऐसा लगा तुझे भी रहता इंतज़ार है
प्रेमियों से मिलने को तू भी बेकरार है
जिसको दुखी तू देखे बाबा हाथ बढ़ा के थामे हाथ
सुख हो दुःख हो जीवन में...........
सफर आखिरी जब हो मेरी ज़िन्दगी का
खाटू की मिटटी पाऊं अरमा ये दिल का
दिन हो वो ग्यारस की कीर्तन की रात हो
भजनो से रिझाऊं तुझे मैं प्रेमियों का साथ हो
ऐसे में तू आये ले जाए शानू को बाबा अपने साथ
सुख हो दुःख हो जीवन में