माता तेरे भवन में सुख शांति का वसेरा,
माता तेरी शरण में सौभाग्य का सवेरा,
माता तेरे भवन में,
जो आये पास तेरे तो जाए सो बलाये,
जीवन करे उजाला नक् चन्दर की कलाये,
माता रहे न मन में शान मात्र को अँधेरा,
माता तेरे भवन में,
तेरे चरण तले माँ उगती है सो कुचाये,
दिश दिश की रक्षाए करुणा किरण बुजाये,
तेरी गिरा गंगन में पर्वत पे तेरा डेरा
माता तेरे भवन में,
अंम्ब्र में जिनते तारे वे शब्द प्राथना के,
धरती पे जितने दीपक दीपक है भावना के,
हर फूल फूल वन का करता है भजन तेरा,
माता तेरे भवन में,