तर्ज-जब कोई तकलीफ सताए
सच कहता हु श्याम तेरे बिन और कोई न भाता हे
जब जब मुझको पड़े जरुरत केवल तू ही आता हे
ये दुनिया हे रंग बिरंगी हर चहरे पर चहरा हे
मतलब की झूठी दुनिया में,स्वारथ का रंग गहरा हे
प्रीत की रीत निभाए हरदम,जित मेरी करवाता हे
सच कहता हु श्याम तेरे बिन......................
नहीं में करता उनपे भरोसा,पर दुनिया में रहना हे
साथी संगी कहना हे पर,श्याम सरन में रहना हे
श्याम सरन में रहने से सारा,अंधकार मिट जाता हे
सच कहता हु श्याम तेरे बिन...............
जब जब जित की बाजी आयी,हार मुझे अपनों ने दी
हार को बदल दी जित में तुमने,चहरे पे मुस्कान ही दी
सच्चे प्रेमी से सांवरिया,प्रेमी को मिलवाता हे
अंश का लाड लड़ाये हरदम, जी भर प्यार लुटाता हे
सच कहता हु श्याम तेरे बिन..............
सर पर हाथ फिराए हरदम अपना बोध कराता हे
दामन में विश्वाश की पूंजी बाबा भरता जाता हे
सच कहता हु श्याम तेरे बिन.................