खाटू वालो श्याम रात सपने में आगेयो से,
बाई रे मने जी सो आ गयो रे,
जैसे ही घर श्याम पधारे लगा था घर स्वर्ग से प्यारा,
कष्ट कलेश सभी वो महारा गेहलेया खा गयो रे,
बाई रे मने जी सो आ गयो रे,
दीपक सो माहरे मन में वल रहो,
रोम रोम म्हारे फूल सो खिल रहो,
महारी आगेया आ के तो सा सावन सो छा गया रे,
बाई रे मने जी सो आ गयो रे,
और कहे बलजीत क्या भाई,
करके याद आंख भर आई,
जन्म जन्म की तृष्णा से मुक्ति सी पा गयो रे,
बाई रे मने जी सो आ गयो रे,